Detailed Notes on Shodashi
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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥
सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं
पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra produces a spiritual protect all over devotees, guarding them from negativity and destructive influences. This mantra acts being a source of security, aiding persons retain a optimistic natural environment totally free from mental and spiritual disturbances.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं here तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
Gaining the attention of Shodashi, kinds ideas in the direction of Many others develop into far more optimistic, much less critical. Kinds associations morph right into a factor of terrific natural beauty; a issue of sweetness. This is actually the which means from the sugarcane bow which she carries generally.
संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।
श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।